Dividend Distribution Policy: नमस्कार दोस्तों, एक कंपनी कई बार अपने शेयरधारकों को Dividend Distribution करती है। परंतु एक कंपनी को dividend वितरित करते समय कुछ Dividend Distribution Policy को ध्यान में रखना पड़ता है। साथ ही कंपनी को Dividend Distribution Policy Companies act, 2013 को भी ध्यान में रखना पड़ता है।
परंतु यदि आप नहीं जानते हैं, कि Dividend Distribution Policy क्या है और Dividend Distribution rules Companies act कौन-कौन से होते हैं, तो आज का यह लेख आपके लिए लाभदायक साबित हो सकता है।
Dividend का क्या मतलब होता है ?
Dividend Distribution Policy जाने से पहले Dividend के बारे में जानना जरूरी है। Dividend को हिन्दी में लाभांश कहा जाता है।
तो जैसा कि आप जानते हैं, लगभग सभी कंपनियां या संस्थान लाभ कमाने के लिए व्यापार करती है। और कई बार कंपनियां अपने व्यापार का विस्तार करने के लिए और पूंजी जुटाने के लिए Shares का इस्तेमाल करती है।
शेयर धारक भी लाभ कमाने के लिए कंपनी के शेयर खरीदते हैं। अब कंपनी को जो भी लाभ होता है, वह शेयरधारकों के बीच में बांटा जाता है। इसी लाभ का वह भाग जो कंपनी अपने शेयरधारकों को बांटती है, वह लाभांश ( Dividend ) कहलाता है।
Dividend Distribution Policy क्या है ?
कंपनी द्वारा जो शेयरधारकों को लाभांश का वितरण किया जाता है, उसके कुछ नियम है। इन नियमों को ही Dividend Distribution Policy कहा जाता है। चलिए लाभांश के वितरण के कुछ नियमों को समझते हैं।
1. लाभ में से Dividend वितरण करना
जब भी कंपनी शेयरधारकों को लाभांश देती है तो वह केवल कंपनी के होने वाले लाभों में से ही दिया जाना चाहिए। कंपनी की पूंजी में से कोई भी डायरेक्टर Dividend नहीं दे सकता है।
2. उसी वित्तीय वर्ष के लाभों में से लाभांश का वितरण
लाभांश हमेशा उसी वर्ष के लाभों में से किया जाना चाहिए जिस वर्ष कंपनी को लाभ हुआ हो। कोई भी कंपनी किसी अन्य वर्ष के लाभ में से अगले वर्ष Dividend का भुगतान नहीं कर सकती।
3. लाभ घोषित करने से पहले लाभ में से Depreciation प्रदान करना
लाभांश के वितरण का तीसरा नियम यह है, कि लाभांश के रूप में वितरित की जाने वाली राशि Depreciation की राशि से कम हो जाती है। यानी कि कोई भी लाभांश मूल जी से बाहर घोषित नहीं किया जाना चाहिए।
4. लाभ को रिजर्व फंड में ट्रांसफर करना
धारा 123 (1) के प्रावधान के अनुसार, जिस भी वित्तीय वर्ष में लाभांश की घोषणा की जा रही है तो घोषणा करने से पहले कंपनी को अपने लाभ का एक विशेष प्रतिशत रिजर्व करना अनिवार्य नहीं है। यानी कि या कंपनी के ऊपर निर्भर करता है कि वह लाभ का कुछ प्रतिशत रिजर्व फंड में ट्रांसफर करना चाहती है या नहीं।
हालांकि यह निर्णय सेबी द्वारा कंपनी के ऊपर छोड़ दिया गया है। यदि कंपनी उचित समझती है तो वह कुछ राशि अपने रिजर्व फंड में रख सकती है।
5. लाभ ना होने पर लाभांश की घोषणा
यदि किसी वर्ष लाभांश घोषित करने के लिए कंपनी के पास पर्याप्त ट्राफिक नहीं होता है तो कंपनी अपने पिछले किसी वित्तीय वर्ष के लाभ में से किए गए Free fund reserve में से लाभांश की घोषणा कर सकती है। यह 2014 में लाया गया नियम नंबर 3 होगा।
यहां Free reserve का मतलब ऐसे रिजर्व से है जो किसी कंपनी के Audit Balance Sheet के हिसाब से डिवीजन के तौर पर Distribution के लिए रखे गए हो।
6. लाभांश की राशि जमा करना
Companies act 134 (4) के अनुसार, लाभांश की जो राशि शेयरधारकों को दी जाएगी वह बैंक के साथ बनाए गए एक अलग खाते में जमा की जाएगी। इसके साथ ही यह लाभांश की राशि लाभांश की घोषणा की तारीख से 5 दिनों के अंदर कर दी जानी चाहिए।
7. डिविडेंड का भुगतान
Dividend यानी लाभांश के भुगतान से संबंधित कुछ और अन्य नियम बनाए गए हैं जो कि इस प्रकार है।
- Dividend का भुगतान केवल रजिस्टर्ड शेयर होल्डर को किया जाएगा। साथ ही यदि शेयर होल्डर अपने किसी विशेष बैंक में यह विवरण की राशि लेना चाहता है तो उसे बैंक में व राशि जमा की जाएगी।
- लाभांश की राशि नगद रूप में ही दी जाएगी। यानी कि शेयर होल्डर्स को यह राशि चेक, वारंट या इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से भी भुगतान किया जा सकता है।
- यदि लाभांश की घोषणा की तारीख से 30 दिनों के अंदर लाभांश का क्लेम नहीं किया जाता है, तो नकद में payable किसी भी लाभांश का भुगतान शेयर होल्डर के खाते में क्रेडिट द्वारा किया जा सकता है।
- यदि कंपनी धारा 11, धारा 73 और 74 के प्रावधानों का पालन करने में विफल रहती है तो वह लाभांश की घोषणा नहीं कर सकती। इसके साथ ही यदि किसी कंपनी के पास धारा 8 के तहत लाइसेंस है तो वह कंपनी भी अपने शेयरधारकों को लाभांश का भुगतान नहीं कर सकेगी।
8. डिविडेंड डिक्लेरेशन
किसी भी कंपनी में Annual General Meeting के दौरान Board of directors द्वारा लाभांश की घोषणा करने की अनुमति दी जाती है। और साथ ही लाभांश की राशि शेरों के अंकित मूल्य पर दिए होती है।
9. अंतरिम लाभांश की घोषणा
अंतरिम लाभांश का अर्थ है कि दो Annual General Meeting के बीच लाभांश की घोषणा करना। कंपनी के Board of directors को इस तरह के Dividend की घोषणा करने का अधिकार होता है। ऐसा प्रावधान association के आर्टिकल्स में होना जरूरी है।
10. लाभांश ऋण होना
यदि Dividend की घोषणा के बाद शेयरधारकों को लाभांश का वितरण नहीं किया जाता है तो यह कंपनी पर शेयरधारकों का एक ऋण होता है।
11. डिविडेंड की मांग
लाभांश की मांग तब तक कोई भी व्यक्ति नहीं कर सकता जब तक एनुअल जनरल मीटिंग में कंपनी द्वारा लाभांश को Declare ना किया जाए।
12. लाभांश का ट्रांसफर
यदि कंपनी के लाभांश की घोषणा करने के बाद कोई भी शेयर होल्डर अपने शेयर किसी दूसरे व्यक्ति को ट्रांसफर कर देता है तो कंपनी उस व्यक्ति को उन शेयरों पर लाभांश के वितरण करने के लिए बाध्य नहीं होगी।
13. शेयर धारक द्वारा Dividend क्लेम ना करना
यदि कंपनी शेयर धारक को Dividend का भुगतान कर देती है और 7 सालों में भी शेयर धारक उस dividend को क्लेम नहीं करता है तो लाभांश की वह राशि IEPS अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
14. मुकदमा दायर किया जाना
लाभांश की घोषणा करने के बाद वह लाभांश की राशि कंपनी के ऊपर एक ऋण हो जाती है। और यदि कंपनी द्वारा उस ऋण का भुगतान शेयर धारक को नहीं किया जाता है तो शेयर धारक इसके लिए मुकदमा भी दायर कर सकता है।
FAQ’S:
Q1. शेयर होल्डर को डिविडेंड कैसे मिलता है ?
Ans : किसी भी शेयर होल्डर को डिविडेंड शेयरधारकों के पास उपलब्ध शेयरों के अनुपात में दिया जाता है।
Q2. कंपनी 1 साल में कितनी बार लाभांश देती है ?
Ans : कंपनी 1 साल में कम से कम 4 बार लाभांश का घोषणा करती है। जोकि त्रैमासिक होता है।
Q3. डिविडेंड पॉलिसी क्या है ?
Ans : Dividend पॉलिसी एक प्रकार का नियम होता है। जो कंपनी द्वारा लाभांश की घोषणा करते समय और लाभांश वितरण करते समय पालन किया जाता है।
Q4. Types of Dividend Distribution Policy क्या है ?
Ans : Dividend Distribution Policy कई प्रकार के होते हैं, जो कि इस लेख में बताए गए हैं।
निष्कर्ष :
आज के इस लेख में हमने Dividend Distribution Policy के बारे में जाना। उम्मीद के इस लेख के माध्यम से आपको लाभांश वितरण से संबन्धित सभी नियम की जानकारी मिल पायी होगी।
यदि आप इससे संबन्धित कोई अन्य जानकारी पाना चाहते है, तो हमे कमेंट करके जरूर बताएं। जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
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